विद्यालयस्य गीतं अस्ति सुंदरं मनभावनम् पवित्र पावनम्। उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूर्व प्राँगनम्।। विनयशीलं शिक्षा प्रदाता गुरुजना:। मृदुभाषिणि विद्यादात्री गुरुमातर:।। शीलं अनुशासनं उच्च कोटिकम्। सुंदरं चरित्र विकसितं यस्य प्राँगणम्।। अस्ति…
SHARE WITH US
Share Your Story on
writers.teachersofbihar@gmail.com
Recent Post
- मनहरण घनाक्षरी- जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
- दोहावली- रामकिशोर पाठक
- सत्प्रवृत्ति के सोपान – अमरनाथ त्रिवेदी
- कहतीं रहीं अम्मा – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
- देखो सानवी आई है – रामकिशोर पाठक
- चिड़िया रानी – रूचिका
- मम्मी दुनिया से निराली है – अमरनाथ त्रिवेदी
- मेरे राम- स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
- देवी माँ- कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
- हरिगीतिका- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’