विद्यालयस्य गीतं अस्ति सुंदरं मनभावनम् पवित्र पावनम्। उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूर्व प्राँगनम्।। विनयशीलं शिक्षा प्रदाता गुरुजना:। मृदुभाषिणि विद्यादात्री गुरुमातर:।। शीलं अनुशासनं उच्च कोटिकम्। सुंदरं चरित्र विकसितं यस्य प्राँगणम्।। अस्ति…
SHARE WITH US
Share Your Story on
स्वरचित कविता का प्रकाशन
Recent Post
- सर्द हवा-राम किशोर पाठक
- जमाने में – गजल – राम किशोर पाठक
- अनुराग सवैया – राम किशोर पाठक
- गिरीन्द्र मोहन झा
- जुआ-रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
- छंद रचना को गहूँ-राम किशोर पाठक
- That one of the Worst feelings- Ashish Kumar Pathak
- पशु अधिकार दिवस…नीतू रानी
- दोहा छंद…रामकिशोर पाठक
- शरण गहूँ दिन-रात – राम किशोर पाठक