आर्यावर्त की जान, जो है हिंद की पहचान, आर्यभट्ट की धरती पर, बस एक ही नाम, बिहार बिहार बिहार, हमारा बिहार। कुंवर से जिनकी शान, मुजफ्फरपुर की लीची, जिनकी पहचान,…
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चमकी को धमकी- विवेक कुमार
गर्मी की जब आहट आती, चमकी की धमकी याद आती, बड़ी तेजी से पैर फैलाती, बच्चों की काल बन जाती, अभिभावक को खूब हड़काती, अपनी चाल चल ही जाती, अपना…
कबाड़ से जुगाड़- विवेक कुमार
बच्चों की आस हूं, रहता उनके पास हूं, सीखने सिखाने में उस्ताद हूं, हर पल देता उनको दाद हूं, देश के भविष्य है हमारे बच्चे, प्रतिभा निखारने में हम है…
होली के रंग खुशियों के संग -विवेक कुमार
फागुन की बयार लाए मौसम की फुहार, उदास मन में लाए नवीनता की बहार , सूने चमन में छाए उमंगों की खुमार, अनकहे रिश्तों में लाए बेहतरीन निखार, टूटे दिलों…
हमारी बेटियाँ -विवेक कुमार
माँ बनकर मुझे जन्म दिया, बहन बनकर किया दुलार | जब भी आई मुसीबत मेरे, पत्नी बन किया उद्धार। सुबह की किरणों जैसी बेटी, ताजगी देती तन- मन को |…
इम्तिहान का अंतिम पंच- विवेक कुमार
टेंशन वेंशन भूल जा, अपने आप पर कॉन्फिडेंस ला, नए का, कुछ ना कर तू प्रयोग, कर बीते समय की तैयारी का उपयोग, घबड़ाना नहीं, डगमगाना नहीं, अपने आप पर…
आन बान आउर शान बा- विवेक कुमार
आन बान आउर शान बा, तिरंगा हम्मर जान बा, मर जाईब, मिट जाईब, इसकी खातिर दुनिया से भी लड़ जाईब, सर पे कफ़न हाथ में कलम की धार बा, सच्चाई,…
मकर संक्रांति का महत्व- विवेक कुमार
आज पवन दिन है आया, राशि परिवर्तन संक्रांति कहलाया, दही चुरा और तिल है लाया, गुड़ में मिलकर मन को भाया, सुख समृद्धि घर-घर में छाया, रिश्तों में मजबूती लाया,…
चलो एक दीप जलाएं – विवेक कुमार
चलो आज करें शुरुआत, निराशाओं को देकर मात, मन के मैल को हटाएं, तम को मन से दूर भगाएं, जीवन में रौशनी फैलाएं, चलो एक दीप जलाएं।। दे बेसहारे को…
मां के नवरुपों का दर्शन- विवेक कुमार
मां की महिमा है बड़ी निराली, उनके रूपों में दर्शन देती मां काली, नवरात्रा में मां के नव रूपों के दर्शन को है मन खाली, तरस रही अंखियां, बजा रही…