वीरहन के बसंत गलवान घाटी के वीरहन के आँसु में, वसंती बहार बह़ गईल। कइसे हो स्वागत बसंत के हीयरा के सगरी अरमान ऑंसुअन मे द़ह गईल। छुट्ल न महा़वर…
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