रूपघनाक्षरी – शृंगार – एस.के.पूनम

ऊँ कृष्णाय नमः विधा:-रूपघनाक्षरी। विषय:-शृंगार। उठती हैं सागर में, तरंगें हजारों बार, सिन्धु करे जल राशि,से शृंगार बार-बार। केवट है नैया पर, गाते गीत मलहार, झूम रहे संगी-साथी,पहुँचे हैं उस…