सच्चे मित्र पौधे हमारे मित्र हैं सच्चे, इनको न तू भूल। इनसे ही है हरियाली, और मानव जाति समूल। आम, संतरा, केला, नारियल, सेब, अमरुद, अंगूर। ये सारे ही फल…
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वरदराज की कहानी-सुधीर कुमार
वरदराज की कहानी आओ बच्चों, तुम्हें सुनाता, हूंँ मैं एक कहानी आज। गुरुकुल में एक बालक रहता, नाम था जिसका वरदराज। पढ़ने में रुचि नहीं थी उसकी, था विद्या से…
बापू आज भी जिन्दा है-सुधीर कुमार
बापू आज भी जिन्दा है शहीद दिवस पर याद , आते हैं सबको गांधीजी । जिन्होने जंग ए आजादी में , लाई थी एक आंधी जी । तीस जनवरी सन्…
टी ओ बी की महानता-सुधीर कुमार
टी ओ बी की महानता टीचर्स ऑफ बिहार ग्रुप का पूरा हुआ दो वर्ष, आज के दिन इसकी स्थापना हमने की थी सहर्ष। कवियों और लेखकों ने पाया मान और…
विवेकानंद-सुधीर कुमार
विवेकानंद हे युग पुरुष, हे युग प्रवर्तक, तुमको बारम्बार प्रणाम। तुमने भारतीय संस्कृति को, दिया था एक नया आयाम। रुढ़ि और बंधनों से तुमने, देश को मुक्त कराया। भटके हुए…