शिक्षा के ज्ञानदीप-सुरेश कुमार गौरव

शिक्षा के ज्ञानदीप  आएं ! आज हम दृढ़ संकल्पित हो जाएं अपने-अपने बच्चों को अवश्य ही पढ़ाएं सब चल पड़ें, शिक्षा के ज्ञान दीप जलाएं अपनी शिक्षा का ज्ञान जरुर…

कोरोना और टीकाकरण-सुरेश कुमार गौरव

कोरोना और टीकाकरण आएं हम सब मिल कोरोना टीकाकरण से जुड़ जाएं इस कोरोना-टीकाकरण को पूर्णत: सफल बनाएं। कोरोना काल ने संपूर्ण मानव जीवन अहित किया कोविड-१९ ने मानव जीवन…

शाश्वत प्रेम प्रतीक रक्षाबंधन-सुरेश कुमार गौरव

शाश्वत प्रेम प्रतीक रक्षाबंधन हर बहन चाहती है मेरा भाई सदा कुशल रहे हर भाई भी चाहता है मेरी बहन सकुशल रहे। रक्षाबंधन बहन भाई की अटूट प्रेम डोर दर्शाती…

हमारा भारत प्यारा-सुरेश कुमार गौरव 

हमारा भारत प्यारा सदियों से देश हमारा भारत प्यारा सारे जहां से है यह बहुत ही न्यारा। रंग-रुप, भेष-भाषा में है विविधता इसकी अनेकता में भी है एकता। फिर भी…

अन्तिम यात्रा-सुरेश कुमार गौरव

अन्तिम यात्रा  इस भूलोक का कटु व चरम सत्य श्मशान ! यानी अन्तिम यात्रा कर्मभूमि, जन्मभूमि और रणभूमि पर कार्य समापन यानी अन्तिम यात्रा। चाहे काल कवलित हो या आंधी-तूफां…

माॅं सृष्टिकर्तृ-सुरेश कुमार गौरव

माॅं सृष्टिकर्तृ मां! यानी सृष्टिकर्त्तृ स्त्री का महान दातृ रुप इस नाम की सार्थकता सबला शक्तिरुपा में सदा परिलक्षित दिखती है। वात्सल्य भाव प्रेषित कर जीवन रुपी पात्रों में ममता,…

पिता-सुरेश कुमार गौरव

 पिता  पिता अपनी घरौंदे का पूरी आस और विश्वास है सबका भरसक दूर करता निराश और अविश्वास है। खुद दुःख सहता जीवन और संतान का दुखहर्ता हैं परिवार के सभी…