स्वच्छता-शुकदेव पाठक

स्वच्छता आदर्श जीवन वह होता मानव जिसमें व्यवस्थित रहता। जीवन सही आदतों का मेल वरना, हम जीवन में फेल। बच्चों, सफाई की आदत डालो इसमें अपने आप को तुम ढालो।…