हम अपना नववर्ष मनाते हैं फागुन की अंतरिम बीते रात, हो पावन पल से मुलाकात, नवरंग, तरंग, उमंग हो मन में। हो रंग-बिरंग बिहंग उपवन में। चैत्र शुक्ल की प्रथम…
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