हम अपना नववर्ष मनाते हैं-राजाराम सिंह ‘प्रियदर्शी’

हम अपना नववर्ष मनाते हैं फागुन की अंतरिम बीते रात, हो पावन पल से मुलाकात, नवरंग, तरंग, उमंग हो मन में। हो रंग-बिरंग बिहंग उपवन में। चैत्र शुक्ल की प्रथम…