हिंदी है अस्मिता हमारी -प्रदीप छंद गीत – राम किशोर पाठक

हिंदी है अस्मिता हमारी -प्रदीप छंद गीत मन के भावों को करती जो, सरल सहज गुणगान है। हिंदी है अस्मिता हमारी, इससे हर पहचान है।। दसों दिशाएँ गूँज रही है,…

हुई उत्पत्ति है हिंदी की – गीत – राम किशोर पाठक

हुई उत्पत्ति है हिंदी की – गीत शौरसेनी अपभ्रंश जिसे, अपनी तनुजा माने। हुई उत्पत्ति है हिंदी की, सुरवाणी से जाने।। उत्तर भारत में जन्म हुआ, जानी दुनिया सारी। भाषाएँ…

हिंदी: सुर वाणी की जाया- राम किशोर पाठक

हिंदी, सुर वाणी की जाया- किशोर छंद सुर वाणी की जाया कहिए, हिंदी को। भूल रहे सब क्यों है गहिए, हिंदी को।। हृदय भाव में फिर से भरिए, हिंदी को।…

हिंदी का सम्मान – संजय कुमार सिंह

हिंदी का सम्मान कहां है,राष्ट्र का अभिमान कहां है। सिमटी हैअस्तित्व बचाने,ऐसा भी सौभाग्य कहां है।। घर की मुर्गी दाल बराबर,आन गांव का सिद्ध यहां है। अंग्रेजी बन बैठी रानी,…