विद्यालय विद्या का आलय विद्यालय, जहाँ मिलता है नित ज्ञान हमें । शिक्षा रूपी इस बगिया से, फिर मिलती है पहचान हमें । शिक्षक के अथक प्रयासों से, जब मिलता…
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कोरोना एक संकट-प्रीति कुमारी
कोरोना एक संकट कोरोना के इस हाहाकार में सारा जन-जीवन अस्त-व्यस्त लोग भयाकुल और त्रस्त । घर की चहारदीवारी में हम सिमट गए हम उलझ गये जब घर पर थोड़ा…
जल जीवन हरियाली-प्रिती कुमारी
जल जीवन हरियाली है चहुँ ओर हरियाली और चली हवा मतवाली, धरती अम्बर सब डोले जब बाग में पपीहा बोले । जब पुरबा ले अंगराई नभ में बदरी छाई, फिर…
पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ-प्रीति कुमारी
पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ आओ मिलकर पेड़ लगाएँ नाचे गाएँ खुशी मनाएँ पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ । पेड़ों से हरियाली आती बागों में कोयलिया गाती, वन-उपवन में फूल हैं खिलते…
राष्ट्रध्वज-प्रीति कुमारी
राष्ट्रध्वज नमन है इस तिरंगे को यही अभिमान है हम सब का फलक पे लहलहाए यह यही अरमान हम सब का । इसकी है हर बात निराली राष्ट्र का गौरव…
राखी-प्रीति कुमारी
राखी सबसे प्यारा सबसे न्यारा, राखी का त्योहार हमारा । भाई-बहन के स्नेह का बन्धन रक्षा सुत्र और रोली चन्दन । आरती की थाली लेकर बहन भाई का करती अभिनंदन…
सच्चा मित्र-प्रीति कुमारी
सच्चा मित्र मित्र वो जो सही राह दिखाए, वो नहीं जो बुरे काम कराये । विपदा में भी साथ खड़ा हो, दुश्मन के सामने अड़ा हो। पिता की तरह सीख…
निर्मल रचनाकार-प्रीति कुमारी
निर्मल रचनाकार हिन्दी साहित्य के वे निर्मल रचनाकार, जिन्होंने दिया ज्ञान को है ऐसा आकार जिनकी रचना का है ऐसा आधार जिससे मिट जाए जीवन का अन्धकार जो लिखते हैं…
वर्षा रानी-प्रीति कुमारी
वर्षा रानी वर्षा रानी का आगमन पुलकित हुआ हमारा मन गर्मी से व्याकुल वसुंधरा को, जैसे मिला हो नव जीवन। बाग़-बगीचे हरे हुए और हरा हुआ सब वन-उपवन पुष्प सारे…
कुदरत-प्रीति कुमारी
कुदरत कुदरत तेरे रंग हजार, इस जीवन रूपी नैया का, है तू ही खेवनहार। कुदरत तेरे रंग हजार। कभी तू देता ढेरों खुशियाँ, कभी दु:खों के पहाड़, और कभी तू…