यह एहसास कर-नरेश कुमार निराला

यह एहसास कर

माता-पिता, गुरूजनों की आशीष से
जगत में सब इम्तिहान पास कर,
प्रकृति परमेश्वर की है असीम कृपा
ध्यान साधनाओं से यह एहसास कर।

लक्ष्य निर्धारित कर आगे कदम बढ़ा
संकल्प को हमेशा अपने साथ रख,
श्रम है कुंजी एकमात्र मंजिल पाने की
हाथ पर हाथ धर के न तू हाथ रख।

बदले की भावना न हो किसी प्राणी से
खुद को बदल कर स्वाभिमानी बन,
द्वेष नफ़रत को जड़ से मिटाकर
तू नव हिन्दुस्तान की नई कहानी बन।

आत्मविश्वास की कमी महसूस न हो
हृदय कलश में शब्दों की गहराई हो,
सितारे से सजी जिन्दगी की महफ़िल हो
जहाँ रातों में महताब भी लेते अंगड़ाई हो।

सहनशीलता हीं मनुष्यों का आभूषण है
एक दिन तुम अवश्य मंजिल को पायेगा,
असफलता से कभी निराश मत होना
तेरे नाम का विजयी पताका लहरायेगा।

जिसने भी हर परिस्थितियों से लड़कर
अनुशासन के साथ आगे को कदम बढ़ाया,
मंझधार में फंसी सफलता की नैया पार लगा
इतिहास के पन्नों में अपना नाम लिखाया।

नरेश कुमार “निराला”

प्राथमिक विद्यालय केवला
छातापुर (सुपौल)

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