अपना हमें समर्पण दे दो – बाल कविता
कूद कूदकर आते बच्चे।
कुछ सहमें इठलाते बच्चे।।
कहना चाह रहे कुछ बच्चे।
हो गए मौन फिर क्यों बच्चे।।
आशाओं के दीप जलाना।
हमको सच्ची राह दिखाना।।
गुरुवर हमको यह बतलाना।
इतना सब क्यों मुझे पढ़ाना।।
खेल खेलने हमको दे दो।
अवसर ऐसा सबको दे दो।।
नवल राह का दर्पण दे दो।
अपना हमें समर्पण दे दो।।
जब प्रयास गुरुवर का होता।
सीख खास है शिक्षा बोता।।
तिमिर भाव मन का है खोता।
बच्चा कोई कभी न रोता।।
हमें कृपा का पात्र बनाओ।
थोड़ा सा हीं सहज पढ़ाओ।।
आसमान की सैर कराओ।
मुझे विवेकानंद बनाओ।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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