अमर निशानी तिरंगा – रत्ना प्रिया

Ratna Priya

त्याग, शौर्य, तप, बलिदान की, अनुपम अमिट कहानी है |
भारत के वीर सपूतों की, तिरंगा अमर निशानी है ||

केसरिया रंग से रँगा है, दामन वीर जवानों का,
माँ की पावन गोदी का ,सुहागन के अरमानों का,
आजादी के दीवाने वो, हँसते-हँसते जेल गए,
बम, गोली, फाँसी के फंदे, मुस्कुराकर झेल गए,
सदा समर्पित भारती को, देशभक्तों की कुर्बानी है |
भारत के वीर सपूतों की, तिरंगा अमर निशानी है ||

‘सत्यमेव जयते’ के रंग में श्वेत रंग सच्चाई की,
यह प्रतीक है सहनशीलता की, भारत के अच्छाई की,
माँ भारती का स्वर्णिम आँचल, स्वच्छ रहे, बेदाग रहे,
संगठित होकर रहें सभी, एक स्वर, एक राग रहे,
शिक्षित और सभ्य समाज से, नए युग की अगुवानी है |
भारत के वीर सपूतों की, तिरंगा अमर निशानी है ||

शस्य श्यामला धरती, जब हरी आभा से नहलाती है,
प्रकृति श्रृंगार करके, नवदुल्हन बन जाती है,
धऩ-धान्य से भरी हो धरती, सबकी भूख मिटाने को,
माँ भारती की गोद में कोई तरसे न दाने-दाने को,
माता, मातृभूमि की महिमा, फिर से याद दिलानी है |
भारत के वीर सपूतों की, तिरंगा अमर निशानी है ||

चक्र की गति प्रतीक है, नई उन्नति नए जमाने की,
उन्नत, सबल, सजग, भारत के, निरंतर बढ़ते जाने की,
मेहनत करने वाले जग में, सदा सफलता पाते हैं,
नित नए सोपान को छूते, आगे बढ़ते जाते हैं,
ज्ञान, विज्ञान, धर्म, दर्शन की गरिमा हमें दिखानी है |
भारत के वीर सपूतों की, तिरंगा अमर निशानी है ||

रत्ना प्रिया ,
मध्य विद्यालय-
हरदेवचक, पीरपैंती, भागलपुर

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