आओ बच्चों खेलें खेल
आओ बच्चों खेलें खेल ,
सब बच्चों से कर लें मेल ।
खेलकूद हमेशा संयम से खेलें ,
कभी न इसमें करें झमेले ।
आसपास के मैदान में खेलें ,
संगी साथी साथ में ले लें ।
खेल बच्चों के लिए बहुत जरूरी ,
इससे उनके अरमाँ होती पूरी ।
पढ़ाई लिखाई कर जब हम थक जाते ,
खेलकूद से ही अपना नेह लगाते ।
खेलकूद भी अनुशासन से पलता ,
नियम , शर्त , समय से चलता ।
यह जीवन को सुरभि से भर दे ,
खेलों से खुशियाँ भी भर ले ।
समय से खेल करेंगे जब जब ,
बहार जीवन में आएँगी तब तब ।
खेल का भी अपना समय होता है ,
तब यह न कभी विपदा बोता है ।
खेलने जाएँ माता पिता से आज्ञा लेकर ,
खेल कर आएँ सभी को खुशियाँ देकर ।
खेलकूद में हार जीत लगा ही रहता ,
अच्छा बालक सदा धैर्य से सहता ।
यही जीवन में सहनशील बनाता ,
सुख दुःख में संयम सिखलाता ।
खेलकूद में बच्चे ज्ञान हैं सीखते ,
उनके जीवन में आनंद ही दिखते ।
क्या करें खेल कूद की बहुत बड़ाई,
हम बच्चों के लिए यह बड़ी सुखदाई ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर
