आज से स्कूल है जाना – सखी छंद
पाकर पावस की बूँदें।
है कहती अखियाँ मूंँदें।।
प्रेमा चाह रही सोना।
देर रुकें तो क्या होना।।
मौसम खूब लगे प्यारा।
गर्मी अबतक था मारा।।
भोर हुई, घंटा बीता।
माँ बैठी पढ़ने गीता।।
चाय सभी पीने बैठे।
देख नहीं उसको ऐंठे।।
आज से स्कूल है जाना।
शिक्षक कहें सभी आना।।
स्वागत सारे पाएँगे।
बच्चे खुशी मनाएँगे।।
हाल अपना सुनाएँगे।
सारे हाथ मिलाएँगे।।
प्रेमा करना तैयारी।
देर नहीं हो तुम्हारी।।
नींद त्याग प्रेमा आई।
देख पिता को मुस्काई।।
नास्ता करने मैं आई।
माँ क्यों अभी नहीं लाई।।
बस्ता लेकर जाऊँगी।
मैं चंदन लगवाऊँगी।।
देर नहीं होने पाएंँ।
जल्दी से खाना खाएँ।।
कौन हमें पहुँचाएगा?
कोई बात बताएगा!
प्रेमा नयी नवेली सी।
सोची एक पहेली सी।।
भाए स्कूल सहेली सी।
दौड़ लगायी चेली सी।।
शौक जगी उसमें भारी।
रोज सबेरे हीं सारी।।
काम सभी निपटाएगी।
स्कूल समय से जाएगी।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश, पालीगंज, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
