केवल प्रकाश है – एस.के.पूनम

S K punam

प्रिय दीप बनकर,
हिया करे जगमग,
शेष नहीं अब दंभ,केवल प्रकाश है।

नित्य दीया जल कर,
बिखरने लगी आभा,
उज्जवल धरा नीचे,ऊपर आकाश है।

परछाईं बन कर,
साथ देना उम्रभर,
बाती अभी जल रहा,कोई क्यों निराश है।

भर कर अनुराग,
कर लिया आलिंगन,
दीवाली का सौगात है,कंगाली का नाश है।

एस.के.पूनम।

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply