गुरुओं का सम्मान
आज दिवस है गुरुओं के सम्मान का ,
बिहार के अभिमान का |
अपनी अथक मेहनत से
निरंतर कलम चलाई है ,
बिहार की गौरव गाथा
फिर से गई दुहराई है |
हमें गर्व है प्रतिभावानों के
परिश्रम व स्वाभिमान का |
आज दिवस है गुरुओं के सम्मान का,
बिहार के अभिमान का |
पाँच वर्षों की यात्रा ने
अनगिन मोती बिखराये हैं
ज्ञान की ओर बढ़े निरंतर
दीप से दीप जलाये हैं
दीप जले तो मिटे अंधेरा
आग्मन हो दिनमान का |
आज दिवस है गुरुओं के सम्मान का ,
बिहार के अभिमान का |
रत्ना प्रिया
शिक्षिका (9 – 10)
उ∙ उ∙ मा∙ वि∙ ,धनपालटोला
पीरपैती (भागलपुर)
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