गुरु पूर्णिमा
पावन दिन है आज का ,जन्म लिए ऋषि व्यास।
तीन लोक नौ खंड में ,मानो हुआ उजास।।
वेदों,की रचना किये,लिखे जगत का सार।
कहती श्रीमद्भागवत, गुरु हैं अगम अपार।।
हरि लाते हैं जीव को, जन्म मरण के द्वार।
गुरु अनुकंपा एक दिन, करते हैं भवपार।।
गुरु सुमिरन कर रे मना, गुरु हीं का ले नाम।
हर विपदा में सुन सदा , गुरु आयेंगे काम।।
गुरु हैं देवों से बड़े,वेद कहे ये जान।
इधर उधर को छोड़कर, कहना गुरु की मान।।
पावन है गुरु पूर्णिमा, उत्तम मास अषाढ़।
गुरु चरणों में भक्त का, उपजें प्रेम प्रगाढ़।।
मनु कर नित गुरु वंदना, गुरु ही ज्ञान प्रमाण।
गुरु कृपा से एक दिन, होगा सुन कल्याण।।
मनु कुमारी, विशिष्ट शिक्षिका, प्राथमिक विद्यालय दीपनगर, बिचारी, राघोपुर
सुपौल ,बिहार
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