गुरु – रुचिका

Ruchika

गुरू

अज्ञानता के गहन तिमिर से,
ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाए।
मन के भीतर के तमस मिटाकर,
रोशनी चारों ओर पहुँचाए।
गुरू के दिये ज्ञान से हमारा
जीवन सफल सदा ही कहलाये।

मार्गदर्शक बन जो सही राह दिखलाते,
जीवन पाठशाला में सबक सिखलाते,
सही गलत का अंतर जो हम समझें
गुरू के ज्ञान से हम वो समझ पाते हैं
गुरू बिना जीवन निरर्थक लगे,
गुरु ही निराशा में आशा का संचार करवाएं।

रूचिका
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ गुठनी

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