आज नही तो कल तुम्हारी ही जय होगी
भाग्य नही केवल मेहनत से ही तय होगी
अंधकार का नाश प्रकाश केवल कर सकता
है मनुष्य वह साधक साध्य सभी कर सकता
केवल भ्रम में रहकर जीने से कुछ नही होगा
उठो चलों और लड़ो विजय श्री निश्चित होगा
अभिमानी को झुकना पड़ता है इस जग से
मतवाली हाथी भी डरती है चींटी के निश्चय से
जगा रहा हूं तुमको सोएं स्वप्नों में डूबे इंसान
जागत है सो पावत है सच मे बनते है वही महान
मनोज कुमार दुबे
मध्य विद्यालय बलडीहा
लकड़ी नबीगंज सिवान
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