जीवन-गाना
जगो नारियां, चुप मत रहना
मुश्किल दिन में भी मुस्काना
लाल रंग अपना वरदान
सृजनधर्मिता का निशान
गूँजे इससे जीवन-गाना
मुश्किल दिन में भी मुस्काना
साफ-सफाई बहुत जरूरी
कहना नहीं कभी मजबूरी
अपने मौज से मंदिर जाना
मुश्किल दिन में भी मुस्काना
मम्मी-पापा, वैद्य, डॉक्टर
हो जब दर्द असह ऐंठकर
सखियों से खुलकर बतियाना
मुश्किल दिन में भी मुस्काना
सम्मान यही तो औरत का
फिर कैसे जीवन गैरत का
कभी नहीं खुद से शर्माना
मुश्किल दिन में भी मुस्काना
:-मुकेश कुमार मृदुल
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मुकेश कुमार मृदुल
