किसके मन में क्या यहॉं, जान सका कब कोय।
कोई दुख से रो रहा, कोई सुख में रोय।।
उलझन का हल ढूँढिए, बड़े धैर्य के साथ।
औरों से मत पूछिए, उल्टा देगा नाथ।।
पवन पुत्र हम पर यही, करिए कृपा प्रदान।
शिक्षण कौशल दें हमें, कर्म बिना व्यवधान।।
शीत लहर है चल रही, रखिए तन का ख्याल।
उष्ण जल हीं पिया करें, करिए खूब गलाल।।
जो सुख की चाहत रखे, धरिए मन संतोष।
जीवन यों न बिताइए, देते प्रभु को दोष।।
सबसे मिलकर ही रहें, जैसे मोती हार।
हर दूजे में जोड़िए, प्रेम भाव के तार।।
मधुर वचन मोहे सदा, मन में भरे मिठास।
बैर किसी से हो नहीं, बने पराया खास।।
यश बल विद्या आयु का, होता है गुणगान।
नित अभिवादन श्रेष्ठ से, मिले जगत सम्मान।।
भव्य सुनहरे पल सभी, अपने बने हजार।
आए विपदा पास जब, लगते सभी किनार।।
मृदा सम है छात्र सभी, दें सुंदर आकार।
जो जैसा सपना रखे, वैसा हो साकार।।
राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज, पटना