मनहरण घनाक्षरी- जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

Jainendra

पावन है देवघर,

भोलेनाथ की नगरी,

आज सारी दुनिया में,

बना सिरमौर है।

किसानों में खुशहाली,

खेतों बीच हरियाली,

पावन सावन माह,

चल रहा दौर है।

अनेकों ही नर-नारी,

रोज हर सोमवारी,

गंगाजल चढ़ाने को,

जाते कहीं और हैं।

महादेव महादानी,

संत-भक्त,पापी-ज्ञानी,

गिरिजापति के यहाँ,

पाते नित ठौर हैं।

जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

म.वि.बख्तियारपुर,पटना

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