पावन है देवघर,
भोलेनाथ की नगरी,
आज सारी दुनिया में,
बना सिरमौर है।
किसानों में खुशहाली,
खेतों बीच हरियाली,
पावन सावन माह,
चल रहा दौर है।
अनेकों ही नर-नारी,
रोज हर सोमवारी,
गंगाजल चढ़ाने को,
जाते कहीं और हैं।
महादेव महादानी,
संत-भक्त,पापी-ज्ञानी,
गिरिजापति के यहाँ,
पाते नित ठौर हैं।
जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
म.वि.बख्तियारपुर,पटना
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