मौन नहीं रहना (पहलगाम पर) – राम किशोर पाठक

ram किशोर

मौन नहीं रहना– मतगयंद सवैया छंद

पार करें दुःख की घड़ियाँ हम, मौन नहीं रहना अब सीखें।
छोड़ दिए हम क्यों लड़ना अब, ओज भरें, फिर दुश्मन चीखें।।
वार करे जब कुत्सित निश्चर, जीवन का यह ध्येय बनाओ।
सार यही अब पाठक के मन, कर्म सभी जन को समझाओ।।

पूछ लिया जब धर्म सभी जन, भूल किया तब मानवता का।
हन्य हुए गिर भू पर रंजित, कुत्सित चाल दानवता का।।
कृष्ण सुदर्शन रोक रखें जब, पाप धरा पर धूम मचाए।
पाठक वंदन रोज करें प्रभु, चक्र चले निज राह दिखाए।।

सोच हमें यह क्यों रखना अब, क्षम्य सनातन धर्म कराती।
भूमि हमें कब वीर बनाकर, धीरज की यह पाठ पढ़ाती।।
ढाल बनें, तलवार धरें अब, दुश्मन का सिर काट दिखाएँ।
पाठक तीर लिए रचना कर, घात करें, सबको सिखलाएँ।।

राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंग्लिश, पालीगंज, पटना

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply