मौसम गर्मी वाला आया-चौपाई छंद – राम किशोर पाठक

मौसम गर्मी वाला आया- चौपाई छंद – बाल कविता

बिटिया रानी सुनो कहानी।
दुनिया करती है नादानी।।
कभी न करना तुम मनमानी।
जिससे बढ़े कुछ परेशानी।।

मौसम गर्मी वाला आया।
लू का संग थपेड़ा लाया।।
निदाघ, ऊष्मा यहाँ बढ़ाया।
ताप सहन कर बदन न पाया।।

वारि, नीर, जीवन कहलाते।
जिनको पीकर जान बचाते।।
मेघपुष्प, तोय, अंबु, भाते।
उदक, सलिल तन अंदर जाते।।

पीते जब अधिकाधिक पानी।
शीतल मन फिर कहे कहानी।।
बिना पिए न बचेगी रानी।
संचय इसका करना जानी।।

व्यर्थ इसे तुम नहीं गँवाना।
औरों को भी यह समझाना।।
जितना संभव नीर बचाना।
उससे बढ़कर पेड़ लगाना।।

ज्यादा पानी, हल्का खाना।
दही, छाछ, मट्ठा को पीना।।
पानी वाले फल को खाना।
सदा धूप से बदन बचाना।।

बिटिया रानी खुश हो बोली।
कानों में फिर मिस्री घोली।।
मटके का पानी जो पीली।
दौड़ी अपने गले कर गिली।।

लू से तन को सदा बचाऊँ।
पढ़ने में मन खूब लगाऊँ।
आगे हरपल बढ़ूँ- बढ़ाऊँ।
जीवन अपना सफल बनाऊँ।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश, पालीगंज, पटना, बिहार।

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