राष्ट्र की स्वाभिमान है हिंदी – DHIRAJ KUMAR

स्वाभिमान है हिंदी ,अरमान है हिंदी, 

भारतीय अस्मिता की पहचान है हिंदी। 

हमारी संस्कृति की विरासत है हिंदी, 

हमारी मातृभूमि की अमानत है हिंदी। 

मेरी शान है हिंदी ,मेरी जान है हिंदी 

भारतीय अस्मिता की पहचान है हिंदी।

भारतीयों के हृदय की आवाज है हिंदी,

आने वाले कल का आग़ाज़ है हिंदी।

राष्ट्रकवि दिनकर के कलम का श्रृंगार है हिंदी,

भारतेंदु हरिश्चंद्र के लेखन का अवतार है हिंदी।

देश के क्रांतिकारियों की शक्ति है हिंदी,

कबीर,तुलसी और रैदास की भक्ति है हिंदी।

धर्म सम्मेलन शिकागो की जुबान है हिंदी,

स्वामी विवेकानंद के सपनों का अरमान है हिंदी।

रामवृक्ष बेनीपुरी, रेणु, का उपन्यास है हिंदी ,

महादेवी वर्मा, निराला,पंत की प्रकाश है हिंदी।

हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला का रसपान है हिंदी,

प्रेमचंद का गोदान है हिंदी,मानो पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।

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