शिक्षक क्या है?
ज्ञान का दीपक जलाने वाला,
तीसरी आँख का दाता,
सही दिशा दिखाने वाला।
बच्चे उसे लेकर चलते,
जीवन का लक्ष्य खोजते,
क्या करना, क्या सोचना,
संस्कारों की मूरत गढ़ते।
सही शब्दों का प्रयोग करें,
दुःख किसी को ना पहुँचे,
समाज को ऊँचाइयों पर ले जाएँ,
अच्छाई की नींव रखें।
नेता बने, डॉक्टर बने,
देश के सच्चे सेवक बने,
सही क्या, गलत क्या,
व्यवहार से उदाहरण बने।
ये सब देखकर गर्वित होते,
शिक्षक मुस्कुराकर कहते,
“मेरे ज्ञान के दीप जले,
हर पथ प्रकाशमान करें।”
देवी-देवता की पूजा होती,
शंकर की आराधना होती,
पर समाज का सच्चा मान,
शिक्षक को मिलता अधिक सम्मान।
अंजू कुमारी,
मध्य विद्यालय गंगवारा,
रून्नीसैदपुर, सीतामढी
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