हम भी आगे आएं,आप भी आगे आएं
बाल विवाह उन्मूलन हेतु,अपने कदम बढ़ाएं।
कमउम्र में विवाह के,दुष्परिणाम सबों को बताएं,
गाँव,शहर में हर नागरिक को,हम जागरूक बनाएं।
समस्या उत्पन्न न हो,आइए हम ऐसी पहल करें,
साथ सभी बैठकर,हर सवालों को हल करें।
शादी उम्र पर न हो तो,कमजोर शरीर रह जाता है,
फिर कई बीमारियों से,सुंदर तन घिर जाता है।
पढ़ भी नही सकती है बेटी,घर गृहस्थी की उलझन से
वंचित रह जाती है फिर,बालपन के लड़कपन से।
आइए इस कुरीति को बंदकर,हम बने समझदार
बेटी को पढ़ाएं,शिक्षित बनाएं,दूर करें हर अंधकार।
बेटी बोझ नही है हमको,ये अब समझना होगा,
बालविवाह को हरहाल में,हमें मिलकर रोकना होगा।
आइए आज हमसभी मिलकर,ये संकल्प उठाएं
बाल विवाह रोककर,इनका भविष्य उज्ज्वल बनाएं।
स्वरचित मौलिक रचना
संजय कुमार (अध्यापक)
गणपत सिंह उच्च विद्यालय कहलगाँव
भागलपुर,बिहार