आयी है फिर रात सुहानी।
आओ हम सब सुने कहानी।।
एक समय की बात पुरानी
दादी कहती रोज कहानी।
परी नाम की एक परी थी
हाथ लिए वह एक छड़ी थी।
गोल-गोल सी उसकी आँखें
बहुत रसीली उसकी बातें।
लगती थी वह सुंदर प्यारी
थी परियों की राजकुमारी।
मन से भोली मगर सयानी
सबको लगती बहुत सुहानी।
बच्चों से मिलखुश होती थी
आँखों में सपने बोती थी।।
कई तितलियाँ सखी सहेली
सुख दुख हँसकर थी वह झेली।
सब मिल खेलें आँख मिचौली
परी के संग दौड़ी मौली।
कहकर टाटा बाय नमस्ते।
परी लोक फिर जाती हँसते।।
मीरा सिंह “मीरा”
+2 राजापुर उच्च विद्यालय अर्जुनपुर, सिमरी, बक्सर
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