सुरक्षित रहे प्राण- एस.के.पूनम।

S K punam

विधा:-रूपघनाक्षरी
(सुरक्षित रहे प्राण)

तरु की पत्तियां झड़ी,
मंजरी भी गिर पड़ी,
पतझड़ के मौसम का यही है पहचान।

चल रही गर्म हवा,
पिघलने लगे रवा,
आनन झुलस गये,अत्यधिक तापमान।

सरोवर सूख गए,
तरुवर मुरझाए,
जलाशय बनाने का,प्रारंभ है अभियान।

कानन उजड़ गए,
परिंदे विलुप्त हुए,
गाछ लगा घरा पर,सुरक्षित रहे प्राण।

एस.के.पूनम।

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply