चंद्रकिरण से जग है जगमग
प्राची से उगता दिनमान
हरित देख वसुधा का आँचल
सबके होठों पर मुस्कान
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान।
जन्मभूमि यह वीरों की
जिसका करता जग गुणगान
राम,कृष्ण,महावीर,बुद्ध के
हुए धम्म चक्र अभियान
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान।
रहते हैं मिल-जुलकर सब ही
हिन्दू, मुस्लिम और क्रिस्तान
नहीं बैर मानव-मानव में
सादगी इसकी पहचान
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान।
शस्य-श्यामली धरती अपनी
जिसके कण-कण में भगवान
मानव में नव प्राण फूँकता
उपनिषदों,वेदों का ज्ञान,
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान।
गाँधी और सुभाष की धरती
करती हम सबका आह्वान
उठो राष्ट्र की बलिवेदी पर
अर्पित कर दो तन-मन-प्राण
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान।
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शैलेन्द्र भूषण
(नियोजित शिक्षक )
न. प्रा. वि. पकडिया भूमिहारी टोला
हरसिद्धि, पूर्वी चम्पारण
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