माता की आराधना – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

प्रभाती पुष्प 🌹🙏🌹🙏🌹🙏 माता की आराधना आश्विन पावन मास, मंगल दिवस खास, भक्त जन करते हैं माता की आराधना। शरण में जो भी आते, मन चाहा वर पाते, मन में…

मनहरण घनाक्षरी – एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी बिखरे गुलाब पुष्प, आईं सिंहवासिनी माँ, पथ को बुहारते ही,आप सदा रहिए। सोलह श्रृंगार कर, बैठी हैं आसन पर, चरण वंदना कर,आशीर्वाद लीजिए। फल-फूल कंदमूल, पुष्प…

तखने हाएत सफल सब काम – नीतू रानी

विषय -जातिगणना शीर्षक -तखने हाएत सफल सब काम। तखने हाएत‌ सफल सब काम जखन देत शिक्षक केअ मेहनत के पूरा दाम तखने हाएत‌ सफल सब काम। दिन राएत जनगणना में…

पूर्वजों को श्रद्धांजलि – जैनेंद्र प्रसाद रवि’

पूर्वजों को श्रद्धांजलि जिनके बांहों में झूले, छाया पा के गम भूले, जीवन में फले-फूले, उनके आशीष से। भरपूर प्यार दिया, हमको संस्कार दिया, मिलती मंजिल नहीं, केवल कोशिश से।…

मंजूषा के शिल्पकार – रत्ना प्रिया

मंजूषा के शिल्पकार मंजूषा की कलाकृति को, अंतर्मन में धारा है, अपनी कला, संस्कृति बचाओ, शिल्पकार का नारा है| निर्मला व नारायण के, अद्भुत पुत्र सलोने हैं, मंजूषा के मिथक…

फूल – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

लगते कितने पुष्प अभिराम गहरा चिंतन कर लो मानव। फूलों-सा नित बनिए ललाम करो नष्ट मत बनकर दानव।। फूल प्रकृति का अनुपम उपहार गुण सुरभित पा हंँसते रहिए। करिए जीवन…