दीप जले – अशोक कुमार

Ashok

दीप जले दीप जले,
घर आंगन दीप जले|
चारों तरफ खुशियां है छाई,
दीपों का त्योहार आई||

वीर सपूतों के याद मे,
घर-घर दीप जलाएं|
स्कूल हो या घर हो,
खुशियां चारों ओर फैलाएं||

जगमग करता दीप जले,
अंधेरों को दूर करें|
ऐसी दीवाली हमेशा आए,
जीवन में उजाला लाए||

इस दिवाली दान करें,
सबको हम सम्मान करें|
मिट्टी का दिया बनाकर,
स्वयं पर अभिमान करें||

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआव कैमूर

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