गंगा – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

पापनाशिनी मोक्षदायिनी। पुण्यसलिला अमरतरंगिनी। ताप त्रिविध माँ तू नसावनी तरल तरंग तुंग मन भावनी।। भक्ति मुक्ति माँ तू प्रदायिनी सकल जगत के दुख हारिणी। जग का पालन करने वाली सबके…

मन की बात-संध्या राय

मन की बात मैं हूं एक छोटा-सा बच्चा। कोई सुन ले बात मेरी। कोरोना ने कर दिए बंद सारे स्कूल। पहले वहाँ होती थी कितनी सारी चीजें, हम पढ़ते, हँसते,…

पिता-अशोक कुमार

पिता पिता शौर्य का प्रतीक, हमें पथ प्रदर्शक बनाया। निरंतर पग पग पथो पर, संभल संभल कर चलना सिखाया।। उन्हीं से सुख शांति है, मां का सिंदूर है। उनके जगह…

प्रकृति-अनुपमा अधिकारी 

प्रकृति जब जब करोगे प्रकृति से छेड़छाड़, तब तब होगा सुन लो पृथ्वी पर नरसंहार! पेड़, पहाड़, नदियां सुंदर इससे खेल रहा मानव, कब तक सहे इसे प्रकृति इसलिए मचा…

ऑनलाइन एप-आंचल शरण

प/ ऑनलाइन एप व्हाट्सएप हो या हो फेसबुक बच्चो से ये तो दूर कराते बुक! समय बीतता इन सारे पर अभिभावक को भी रास आता खूब!! एक परिवार में २-४…

उम्मीदों की उड़ान-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

उम्मीदों की उड़ान धैर्य रख तू “मन” के पंछी घनेरा धुँध छट जायेगा, उम्मीदों की झोली लेकर फिर नया “सवेरा” आयेगा। कसकर पकड़ ले तू परिंदे उम्मीदों के “शाख” को,…