युवापराक्रम- संजय कुमार

उठो,जागो और आगे बढ़ो विवेकानंद जी का ये नारा, शून्य की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या कर बनें विश्व की आँखों का तारा। तर्क अनेकों दिए उन्होंने करता हूँ मैं उनको नमन, जीत…

हमें नहीं अब युद्ध चाहिए- संजय कुमार

हमे नहीं अब युद्ध चाहिए, नहीं हमे अब युद्ध चाहिए, संघर्ष नहीं विराम चाहिए। सत्य अहिंसा विश्व बंधुता करुणा मित्र और प्यार चाहिए। नहीं और अब युद्ध चाहिए। अहं और…

काश वो बचपन लौट आए -संजय कुमार

काश,वो बचपन लौट आये, वो बचपन की भोली शरारत। वो बादलों को छूने की चाहत, तितलियों के पीछे भागना सपनों की दुनिया में जागना। वो नन्ही परियों की कहानी। अपनी…