बेटी-प्रभात रमण

बेटी बीजों को कोंपल बनने दो कलियों को तोड़ो मत तुम बेटी तो घर की लक्ष्मी है उससे मुँह मोड़ो मत तुम घर में चहकती रहती है कटुता भी हँस…

बेटी की अटल प्रतिज्ञा- रीना कुमारी

बेटी की अटल प्रतिज्ञा एक लड़की है भोली-भाली प्यारी प्यारी और न्यारी न्यारी। सुन्दर सुन्दर फूलों जैसे उसके तन, सुन्दर सुन्दर सोच से भरे उसके मन। हमेशा हँसती और खिल…

सुरक्षित शनिवार-अशोक कुमार

  सुरक्षित शनिवार आओ बच्चे मनाए सुरक्षित शनिवार, चेतना सत्र में प्रत्येक शनिवार को जाने, प्राकृतिक आपदाओं से बचने का उपाय, बरसात के मौसम में जब घनघोर घटा छाई, रिमझिम…

जनसंख्या-अश्मजा प्रियदर्शिनी

जनसंख्या एक अरब सैतिश करोड़ की जनसंख्या वाला है हमारा नेशन 17.64 के दर से बढ रहा पोपूलेशन दिन दूनी, रात चौगुनी विकट हो रहा सिचुएशन वर्तमान दृश्य ऐसा है…

वृक्ष है संजीवनी-अश्मजा प्रियदर्शिनी

वृक्ष है संजीवनी वृक्ष है संजीवनी हमारी वसुंधरा की हैं शान धरती को स्वर्ग बनाते, जैसे ईश्वर का वरदान प्राणवायु देते भरते हर जीव-जन्तु में जान वृक्षों की शाखाओं पर…

आभासी दुनिया की मृगतृष्णा-विनय कुमार

आभासी दुनिया की मृगतृष्णा  सैकड़ों-हज़ारों दोस्त मिलें फ़िर भी ख़ुद को अपनापन की गलियों में अकेला ही पाया ये इंटरनेट की दुनिया हमें किधर लिये जा रही? ये तो अपनो…