बाल कविता आओ मिलकर छठ करें..अवधेश कुमार



अस्ताचल सूरज को, हम सब ही प्रणाम करें,
उगते सूरज और छठ माता की पूजा, सच्चे मन से करें।

संध्या अर्घ्य की रौशनी, जीवन में लाएँ,
मन की सारी इच्छा, छठ में पूरी हो जाएँ।

उषा अर्घ्य से मिल जाए समृद्धि अपार,
बुरी शक्तियाँ भागें, हो जीवन गुलजार।

मिलकर छठ करें, प्रेम और सोहार्द मन में रखें,
लोक आस्था से हम सब,
छठी मैया का गान करें।

नियम से व्रत रखें, मन स्वच्छ बनाएँ,
सुख-शांति हर घर में,
आओ मिलकर छठ मनाएँ।

सूप में फूल-फल सजाएँ,
जल में दीप जलाएँ,
छठ घाट पर सब जाएँ,
खुशियाँ साथ लाएँ।

छठ माता सुन लो वंदना,
सबका जीवन सुखी बनाओ,
दुख-संकट दूर करो, मंगल-आशीष बरसाओ।

परिवार रहे हँसमुख, प्यार रहे देश-दुनिया में,
छठ पूजा का त्योहार, ऊर्जा भर दे जीवन में।


प्रस्तुति – अवधेश कुमार ,
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय रसुआर, मरौना,सुपौल

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