दीपों की गरिमा
दीप उम्मीद की किरण है ,
जो सपनों को जगाती ।
दिल मे प्रकाश भरकर ,
मन मे उजास लाती ।
कभी नफरत नही सिखाती ,
जहाँ तक प्रकाश जाए ।
मन मे उजास भरकर ,
घर खुशियों से सजाए ।
प्रकाश की मति ही ऐसी ,
वह कहीं छिपने तनिक न पाए ।
जीवन मे प्रकाश भरकर ,
हिया खुशियों से जगमगाए ।
दिवाली के दिन हम सब ,
जलते दीपों से सीख ले लें ।
स्वयं हरपल जलकर ,
दूसरों मे प्रकाश भर दे ।
महत्त्व इसका कभी नही है ,
वह कितनी देर प्रकाश करता ।
है मुद्दा बड़ा यह कि
वह कैसे प्रकाश भरता ।
अपने आप मे प्रकाश है यह ,
है यह शुभता का सूचक ।
यह शुभ्र गुणों का द्योतक ,
यह सभ्यता का मूलक ।
हमारे जीवन मे ,
हर वर्ष यह आए ।
अपने मधुरिमा से ,
हम् सबको जगमगाए ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुज़फ्फरपुट
