कलमकार का संदेश – राम किशोर पाठक

कलम हमारा आज है, लिखने को तैयार, चिंतन समाज का नहीं, लिखना तब बेकार। शब्दों को बस गूँथते, बनते रचनाकार, कथ्य-शिल्प को छोड़ते, लाते नव आचार। नहीं प्रेम-चिंतन धरे, बिना…

जीवन-दर्शन – गिरीन्द्र मोहन झा

तुम अपने जीवन के सुदीर्घ पथों को देख, मात्र निज जीवन-यात्रा पर फोकस करना। तेरा जीवन सहज, पवित्र, अर्थपूर्ण, परोपकारमय हो— यह जीवन-दर्शन है, ये बातें तुम सदैव ध्यान रखना।…

कोयल बोली मीठी बानी- सुरेश कुमार गौरव

कोयल बोली मीठी बानी, जैसे बजे मधुर तान, डाली-डाली झूम उठी है, हरियाली मुस्कान। नीम की डाली पर बैठी, गाए प्यारा गीत, सुनते ही मन हर्षित होता, हर बच्चा हो…

शिवरात्रि है – राम किशोर पाठक

छंद – घनाक्षरी शिव शंकर की भक्ति, श्रद्धा भाव यथाशक्ति, मिटाती यह आसक्ति, बनें दया-पात्र हैं। मनाएँ हर माह में, त्रिपुरारी की छाँह में, कृपालु के पनाह में, रहें दिवा-रात्र…

पुस्तकें: ज्ञान का वरदान – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

पुस्तकें प्रेरणा वान, ज्ञान का है वरदान, सच्चा मीत मानकर, आत्मसात कीजिए। प्रतिदिन खोलकर, पाठ करें बोलकर, शारदे का अद्भुत ये, वरदान लीजिए। नये नये शब्द पढ़, सुंदर विचार गढ़,…

पुस्तकें – सुरेश कुमार गौरव

पुस्तक ज्योति समान है, तम को करती दूर। शब्द-शब्द में ज्ञान है, रस को लें भरपूर।। गुरुवाणी का गूंजना, देता सटीक विचार। वेद, शास्त्र, उपदेश में, छिपा हुआ आचार।। मीरा…

दोहा विधान – राम किशोर पाठक

आओं हम सीखा रहे, दोहा लिखना खास। सरल तरीका है यही, करना है अभ्यास।।०१।। जान रहा हूँ मैं यहाँ, ज्ञान हमारा अल्प। फिर भी हूँ बतला रहा, दोहा का संकल्प।।०२।।…