रावण-एक अपराजित योद्धा – संजय कुमार

उसे घमंड था कि,मैं हूँ अपराजेय हूँ त्रिलोक विजेता। दिग,दिगंत है हमारी मुट्ठी में, पर भूल रहा था वो। अपराजित होने के लिए, मिथ्या दम्भ,अभिमान का करना पड़ता है दमन।…

विजयादशमी राज – एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-रूपघनाक्षरी (विजयादशमी राज) दस दिन श्रमदान, चहुँओर मिला मान, सम्मान का अधिकार,पाकर करता नाज। सत्ता पाने का संघर्ष, रावण का घुला हर्ष, अस्त-व्यस्त छिन्न भाव,भूल गया मूल काज।…

मुक्तहस्त स्नान दान – एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-रूपघनाक्षरी विषय:-(मुक्तहस्त स्नान दान) बीता है ग्रहणकाल, सुतक का अंत हुआ, सरिता के तट पर,करते हैं योगी ध्यान। डुबकी लगाते गंग, पाप कर्म विसर्जित, हृदय हों स्वच्छ और,मुक्तहस्त…

देवी को स्वीकार है – एस.के.पूनम।

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी। सप्तमी को पट खुले, उपासक झूम उठे, अष्टमी को पंड़ालों में,भक्तों की कतार है। नर-नारी ध्यान मग्न, प्रज्वलित ज्योत पूंज, लेकर सौभाग्य आईं,देवी का सत्कार है।…

सिद्धिदात्री – संजय कुमार

हे सिद्धिदात्री,हे मातृशक्ति करता रहूं मैं,अविरल भक्ति। तिमिर अज्ञानता को नष्ट करो सद्बुद्धि,सद्भाव ज्ञान भरो। इतनी सी माँ दया करो सुनलो पुकार इस भक्त की। हे सिद्धिदात्री,हे मातृशक्ति करता रहूं…

जगत निर्माता – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

अगर कपूर धूप कंचन के थाल धर, आरती उतारें रोज गणेश की माता की। फल-फूल-अक्षत ले चरणों में सिर रख, नैवेद्य अर्पित करें भाग्य के विधाता की। देवता दानव नित्य…

मनहरण घनाक्षरी – एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी पूनम की निशा काल, स्वर्णिम है मेरा हाल, रवि दिखा प्राची दिशा,चमकता माथ है। पक्षी करे कलरव, आलस्य को त्याग कर, स्नान,ध्यान नित्य कर्म,सदैव से साथ…

छागर की माॅ॑ – नीतू रानी” निवेदिता”

छागर की माॅ॑ बकरी कहती है क्या यहीं है नवरात्रि का त्योहार, जिस त्योहार में की जाती है मेरे आगे मेरे बच्चों की मार-काट। मत मारो मेरे बच्चे को न…