ससुराल की परेशानियों से जब थक जाती है बेटियां, तब कुछ दिन मन बहलाने के लिए मायके आती है बेटियां। आते ही वहीं दहलीज़ पर चिंता की लिबास उतार देती…
Author: Anupama Priyadarshini
बेटी – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
ममता बड़ी प्यारी है, समता बड़ी न्यारी है, बेटी ही तो बनती माँ, माँ की परछाईं है। मानवता की जान है, देश का अभिमान है, नील गगन से जाके, आँख…
कुंडलिया – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
बेटी से नित बढ़ रहा, आज देश का मान। बेटों से आगे सदा, रहते इनके काम।। रहते इनके काम, देश की शान बढ़ाती। यही सृष्टि का धाम, यही संसार रचाती।…
बिटिया – मीरा सिंह ‘मीरा”
बिटिया है पहचान हमारी बिटिया है अरमान हमारी। घर आंगन की रौनक बिटिया होठों की मुस्कान हमारी। हर बाधा से टकराती है बिटिया रखती मान हमारी। आंखों की पुतली लगती…
बेटी दिवस पर समर्पित – मणिकांत मणि
हर घर-घर की मान है बेटी। माथे का स्वाभिमान है बेटी। जीवन के अरमान है बेटी। वसुंधरा पर गुमान है बेटी। जिसके घर न बेटी जन्मी, बेटी खातिर तरस रहा।…
बेटियाँ – रूचिका
बेटियाँ बनकर रहमत जिंदगी में आती, गौरैया सी आँगन में फुदक फुदक कर, घर आँगन की देखो शोभा है बढाती, जोड़ती है दो परिवारों को अपने प्रेम से कुछ इस…
शैक्षणिक गतिविधि – नीतू रानी
आओ बच्चों सब मिलकर करना आज शैक्षणिक गतिविधि, अगर थक जाएगा तो थोड़ा लेना पानी पी। चित्र बनाना, गाना, गाना नाचना, खेलना रहना खुश, आज पिलाएँगे तुम सबको हम ठंडे…
रामधारी सिंह दिनकर – नीतू रानी
जिनके सिंहनाद से सहमी धरती है रही अभी तक डोल, ✒️ कलम आज उनकी जय बोल ✒️ कलम आज उनकी जय बोल। आज है 23सितंबर का दिन आज का दिन…
प्रकाश का परावर्तन – ओम प्रकाश
किरणें जो सतह से टकराए कहलाती हैं आपतित, टकरा कर लौटती किरणें कहलाती हैं परावर्तित.. हो सतह यदि चिकनी-समतल तो परावर्तन होता है नियमित, हो सतह रुखड़ी, उबड़-खाबड़ तो परावर्तन…
बंधन प्रीत के – संजय कुमार
आपसे ही बंधी,मेरे जीवन की हर डोर आपसे ही पिया सांझ है,आपसे ही भोर। आप ही मेरे,मनमंदिर के अप्रतिम देव, मैं आपकी प्राणेश्वरी,आप मेरे महादेव। आपके कदमों में ही,मेरा सकल…