हरितालिका तीज व्रत- डॉक्टर मनीष कुमार शशि

हरी चुनर हरी है चूड़ी , सुहागन कर श्रृंगार। हिना हरी है काया कंचन, गीत गाये मल्हार॥१॥ भाद्रपद तृतीया तिथि , शुक्ल पक्ष संयोग। पाई सुहाग सुहागिने , हस्त नक्षत्र…

हे शिव शंकर – डा स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”

शिव की शिवा शिवा के शिव हैं, हैं अनंत घट घट वासी। हे अविनाशी हे शिव शंकर, कृपा करो प्रभु सुखराशी। भाद्र शुक्ल की अद्भुत तृतिया, गौरी शंकर संग काशी।…

देश के कर्णधार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

लेखक, शिक्षक, सेना, कर्मचारी राजनेता, चिकित्सक,वैज्ञानिक सभी कर्णधार हैं। राष्ट्र निर्माण खातिर जो भी करें योगदान, काश्तकार मजदूर, बड़े शिल्पकार हैं। तन -मन- जतन से परिश्रम खूब करें, छोटा-बड़ा नहीं…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

हिंदी अमरतरंगिनी, जन-जन की है आस। सच्चे उर जो मानते, रहती उनके पास।। हिंदी भाषा है मधुर, देती सौम्य मिठास। शब्द-शब्द से प्रीति का, छलक रहा उल्लास।। जन-जन की भाषा…

हिंदी – नीतू रानी

हिंदी हृदय की वाणी है, बचपन में मैंने सुनी अपनी नानी से हिंदी में नयी कहानी है । भाषा की जननी है हिंदी साहित्य की गरिमा हिंदी , जन -जन…

हिंदी हमारी जुबान – रूचिका

हिंदी मेरी जुबान हिंदी मेरी पहचान, कभी भावनाओं के ज्वार थामे, कभी जज्बातों को दे पहचान। हिंदी मेरी जुबान कल्पनाओं के जो महल बनाई, दर्द की तीव्रता जब मन में…

हिन्दी – संजीव प्रियदर्शी

सकल धरा का स्वर बनी जो,शब्द का विज्ञान हिन्दी है मातृ भाषा हम सबों की, राष्ट्र की पहचान हिन्दी वणिक चरवाहे शिक्षक मजूर, खेतों में किसान हिन्दी मातृभूमि पर मिटने…

हिन्दी राष्ट्र की भाषा है – रत्ना प्रिया

हिन्दी को नित पढ़ने की, पढ़ाने की अभिलाषा है | गर्व है हम भारतीयों को, हिन्दी राष्ट्र की भाषा है || उड़े गगन में दूर तलक, जमीं हमेशा याद रहे,…

कलयुगी लाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

बुढ़ापे की सहारा हेतु बहुत ही जतन से, संतान को बड़ा करें, लोग यहाँ पोस-पाल। जब रोजगार मिले, जीवन में कली खिले, बाहर जा बस जाता, अलग गलाता दाल। माता-पिता…