भोर का आगा़ज कर, शोर करे नभचर, जाग गए नर -नारी,पहुँचे हैं खलिहान । कुदाल है कंधे पर, टोकरी है माथे पर, कीचड़ में सने पैर,काश्तकार पहचान। भूमिपुत्र अन्नदाता, मोहताज…
Author: Anupama Priyadarshini
मनहरण – एस.के.पूनम
क्षितिज पार से आए, क्षितिज पार को जाए, मध्य काल तप्त कर,गोधूलि अस्त रहे। प्रातःकाल मुसकाय, दोपहर झुलसाय, तप कर वसुंधरा,कुंदन बन सहे। तरू डाल सूख कर, पत्ते गिरे रूठ…
भाई दिवस – नीतू रानी
तर्ज -सावन का महीना पवन करे शोर—-२। भैया दिवस गीत जेठक महीना तारीख 24 दिन बुधवार सब बहिना मनाबै आय भैया दिवस के त्योहार। बचपन में हम भैया संग खेललौं,…
मेरा तो बस जान है भाई – मनु कुमारी
सब बहना का मान है भाई पापा का अभिभान है भाई कोई मेरे दिल से पूछो मेरा तो बस जान है भाई। जिम्मेदारी का नाम है भाई वटवृक्ष की छांव…
उपदेश देते हैं – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
विषय:-उपदेश देते हैं विद्या :-मनहरण घनाक्षरी छंद फैशन में पड़कर, सुध-बुध खोते युवा, चेहरा नकली और काले केश होते हैं। समय के अनुरूप, होता नहीं पहनावा, तन में वसन भेष,…
बेटी की सफलता – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
माता की दुलारी बेटी, दुनिया में न्यारी बेटी, आसमान छूने का ये, तरीका नायाब है। खतरों से खेल कर, दबावों को झेलकर, होता है सफल वो जो, झेलता दबाव है।…
लहराईं परचम – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
लहराईं परचम, दिखलाई दमखम, आज हमारे देश को, बेटियों पे नाज है। रही नहीं छुई-मुई, देखो कामयाब हुई, एक बार फिर सजा, सिर पर ताज है। थके बिना माने हार,…
मन कहे वाह वाह – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-रूपघनाक्षरी (मन कहे वाह वाह) हरी-भरी घास पर, ओश करे जगमग, प्रकृति की छटा देख,मन कहे वाह-वाह। रवि कहे धरनी से, होना है निडर सखि, धूप-छाँह होते-होते,कटते हैं…
कर्मनिष्ठ – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
जिन्हें विश्वास हो खुद पर, सदा आगे वो बढ़ जाते। करते कर्म की पूजा,कर्मयोगी वो कहलाते। नहीं करते शिकवा वो,नहीं कोसते हैं नियति को। बनाकर राह पर्वत में,दशरथ मांझी बन…
उपदेश देते हैं – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण विषय:-उपदेश देते हैं बाल कृष्ण सखा संग, बन कर गुरु अंग, रहकर कुटिया में,गुरुमंत्र लेते हैं। बैठे हैं शिखर पर, भव बाधा पार कर, मझधार से निकलें,नैया…