🪂होली ना कहीं पे गम है, सम भाव सबरंग है; हरिभजन का दम है, तो ढोल-नाल का बम है। 👻होली मालपुआ मदमस्त है, दही बड़ा दिलकश है; ड्राई फ्रूट्स भी…
Author: Anupama Priyadarshini
रास छंद- सुधीर कुमार
प्यारे बच्चों , तुम सब मिलकर , अब रहना । इस जीवन में , उत्तम विद्या , ही पढ़ना ।। सही कर्म में , रोज लगाना , तुम मन को…
फागुन का बयार-जयकृष्णा पासवान
गुलाबी रंग की , परिणाम तो देखो । चारों दिशाओं की , आसमान तो देखो।। इन्द्रधनुष से सजी है, बादलों के काफ़िले। चांद और सितारों के , मुस्कान तो देखो।…
शिष्टाचार -जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद सामाजिक रिवाजों से, कट रहे युवा पीढ़ी, शिष्टाचार – व्यवहार, दिखते न वाणी में। सत्य का महल सदा, टिकता है दुनिया में। कागज की नाव कभी, चलती…
भोले भंडारी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मनहरण घनाक्षरी छंद गंगाजल जिन्हें भाता, भूत-प्रेत से है नाता, बेलपत्र पर रीझें, भोले जी भंडारी हैं। इन्द्र चढ़ें एरावत, गरूड़ जी हैं विष्णु भक्त, बसहा वरद भाई, शिव की…
बगिया की उदासी- संजय कुमार
आज बगिया क्यों उदास है, बोलो मेरे पापाजी। कल तक कितनी चहल पहल थी गुलजार तुम्हारी बगिया थी। माँ खुश थी, भैया खुश थे ताई खुश थे, ताऊ खुश थे।…
क्यूँ हम भूल जाते हैं-भोला प्रसाद शर्मा
जब हम माँ के गर्भ में होते हैं मुझे बहुत सुखों की अनुभूति होती है कुछ ही दिनों में हमें अपने खून पसीने से सीच कर बड़ा कर दिया जाता…
प्रेम अनुराग -जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद बसंत बहार ले के, रंगों का त्योहार आया, जगदंबा माता संग, शिव खेलें फाग है। सिर पर जटा जूट, हाथ लिए कालकूट, बने जब नीलकंठ, गले पड़ा…
शिव प्रार्थना- मीरा सिंह “मीरा”
मन मेरा है बना शिवाला रहता उसमें डमरू वाला डम डम डमरू बजा रहा है मन नाचे होकर मतवाला।। सांसो की है बजे बांसुरी जपती रहती शिव की माला। वो…
शिवे संग हम गौरी बियाहब-नीतू रानी
नमन मंच 🙏🙏 विषय- शिवरात्रि शीर्षक-शिवे संग हम गौरी बियाहब। शिवे संग हम गौरी बियाहब नै तेअ कुमारी ये रहब ना। तेंतीस करोड़ देवता में शिव वर ढ़ँढलौं शिव सन…