मेरी अभिलाषा- जयकृष्णा पासवान

मैं पंछी बन उन्मुक्त गगन में, दुनियां का भ्रमण करुं। काली-घटा की बलखाती बादल में भींग जाऊं।। यह मेरी अभिलाषा है। मैं सूर्य के प्रकाश की तरह, प्रकाश-मान हो जाऊं।…

पढ़ाई -दीपा वर्मा

दुहाई है दुहाई हाय ये पढ़ाई । कभी नन को नही भाए यह जालिम पढ़ाई । मम्मी कहती..पापा कहते दादी कहती..दादा कहते समी कहते, पढो पढ़ो। खेलकूद हो गया मुश्किल…

दहलीज में सिमटी जिंदगी का सबक- विकास कुमार

भीड़ भरी इस दुनिया में कूप सन्नाटा पसरा है। जब हवा ही कातिल हुई, फिर किस सांस का आसरा है।। घुटनों के बल अब सत्ता है। दंभ, ज्ञान,सामर्थ्य अब, लगता…

प्यारा गाँव- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

सबसे प्यारा गाँव हमारा, अद्भुत सुंदर न्यारा है। चलो तुम्हें हम आज दिखाएँ, उर का भाव हमारा है।। होती अनुपम मृदा गाँव की, सत्य सभी ने जाना है। खान गुणों…