ऐसी दीपावली मनाई – मीरा सिंह “मीरा”

अपने मन को अवध बनाई सियाराम को हिय बसाई। रोशन घर का कोना कोना ऐसी दीपावली मनाई।। घर आंगन की हुई-सफाई दीवारों की रंग पुताई। मन में मैल नहीं रह…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य

आत्म ज्योति ज्ञानाज्य से, करें दीप्तिमय आज। लेकर नव संकल्प से, रखिए सुखी समाज।। भाव हमेशा उच्च रख, करिए प्रभु से प्यार। अमित तोष आनंद की, खुशियाँ मिले अपार।। अवलि…

कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला – अरविंद कुमार अमर

कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला, मन में यह प्रश्न कोंध रहा है? कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला। सजा -सजाया सुन्दर उपवन, नूतन निर्मल हो हर माला, ञ्यान मधू…