वीर सुभाष, देश की आजादी के अभिमान हो। वीरता के पथ पर चलकर क्रांति के प्रमाण हो। त्याग, तपस्या और बलिदानी का उपमान हो। हर दिल में बसे हुए जनमानस…
Author: Dev Kant Mishra
स्वतंत्रता के दीवाने सुभाषचंद्र बोस – अमरनाथ त्रिवेदी
स्वतंत्रता के दीवाने सुभाषचंद्र बोस जिनके आदि का पता तो है, पर अंत का पता नहीं, किस हाल में यह घटित हुआ, उसकी कोई खबर नहीं। लक्ष्य उनका एक था, आजाद भारतवर्ष हो, देश को…
मनहरण घनाक्षरी- रामकिशोर पाठक
सुभाष चंद्र बोस को, देश के उस जोश को, जनता मदहोश को, फिर से जगाइए। पास और पड़ोस को, देश और विदेश को, अंतर्मन के रोष को, हौसला दिखाइए। धरती…
जग में ऐसा कुछ काम करो- अमरनाथ त्रिवेदी
जग में ऐसा कुछ काम करो, जिससे पर की भी भलाई हो पाए। सपनों में न कभी ऐसी सोच रखो, जिससे अपनों से जुदाई हो जाए। न केवल सपने बुनो…
मनहरण घनाक्षरी- रामकिशोर पाठक
पाठशाला के द्वार को, बच्चों में सुविचार को, खोलने को आप नित, समय से आइए। परिसर साफ करे, सब हाथों हाथ करे, स्वच्छ परिधान रहे, बच्चों को सिखाइए। पाठ रोज…
शिक्षा का हम लें मशाल- अमरनाथ त्रिवेदी
शिक्षा का हम लें मशाल, कदम मिलाकर रक्खें चाल। शिक्षा के बिन मिलता नहीं ताल, ज्ञान ही लेता सबका हाल। पढ़ने से कभी मुँह न मोड़ें, हर बच्चे को इससे जोड़ें। शिक्षा से ही…
प्रार्थना – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
हंसवाहिनी, ज्ञानदायिनी करें धवल शुचि मन-अभिराम। आए हैं हम शरण तुम्हारी, विनय करें शुभदे निष्काम।। हाथ जोड़ माँ द्वार खड़े हैं जप-तप पूजन से अंजान। करें साधना मातु शारदे! कर…
दोहावली- रामकिशोर पाठक
है महाकुंभ स्नान का, वेदों में गुणगान। अमृत स्नान बेला सुखद,करे तेज प्रदान।। त्रिवेणी जल प्रयाग का, मन से करिए स्पर्श। सकल रोग नाशिनी यह, करिए नहीं विमर्श।। तन-मन पावन…
अपने बोल में मिसरी घोलें- अमरनाथ त्रिवेदी
अपने बोल में मिसरी घोलें, सबके दिल के ताले खोलें। हम हैं बच्चे बहुत सयाने, मीठे बोल के बहुत दीवाने। हर मुश्किल में इसके मोल, दिल के सब दरवाजे खोल। पराए को भी…
थल सेना दिवस – रामकिशोर पाठक
सीना तानकर जो खड़े, देश हित दिन रात में। सो रहे हैं चैन से हम, परिजनों के साथ में। तिरंगा सदा लहर रहा, छूता जो आसमान है। इनसे जन-गण भारत…