हे प्रभु! हम बालक बड़े नादान, आप हमें दें यह वरदान। जल्दी निपुण, बन जायें हम, भारत के निपुण बालक कहलायें हम। पढ़ने- लिखने में हों बालक अच्छे, भाषा-गणित…
Author: Dev Kant Mishra
परिश्रम – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
अगर चाह हो कुछ करने की, करें नित्य श्रम का सम्मान। श्रम के आगे झुकते सारे, पूरे होते लक्ष्य महान।। एकलव्य के श्रम को देखें, वीर धनुर्धर हुआ महान। मल्लाहों…
गिलहरी – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
विद्यालय के प्रांगण में, है झूलती आम की डाली। उससे अक्सर आती जाती, कतिपय गिलहरियाॅं मतवाली।। बच्चों की किलकारी सुनकर, फूर्र-फूर्र फूर्रर हो जातीं। बच्चे उनकी ओर भी आते, चूँ…
बाजा की आवाज- रामकिशोर पाठक
बाजा की आवाज आ रही है माँ मन को लुभा रही है। बाहर मुझको जाने दो न कारण देखकर आने दो न कहकर प्रमा मुस्का रही है माँ…
पापा हमारे कितने प्यारे – अमरनाथ त्रिवेदी
ऐसे हमारे पापा प्यारे पापा पापा कितने प्यारे, हम बच्चों के कितने न्यारे। हमें समझाते कितने अच्छे, बातें करते कितने सच्चे। उनके बिना न लगता मन, बिना उनके न खिलता …
गिरते दाँत और गाजर- अवनीश कुमार
नाना जी ने बोई गाजर रोज सुबह पानी देते आकर। राजू नाना से पूछा जाकर नानू यह गाजर कब तक आएगा? मेरा प्यारा कल्लू खरहा कब इसे खाएगा? नाना जी…
प्यारे थे गाँधी- एम. एस. हुसैन ‘कैमूरी’
सत्य अहिंसा के पुजारी थे गाँधी सादगी में जीवन गुजारे थे गाँधी। एक सूत्र में बांँध भारतवासी को, स्वतंत्रता का संग्राम छेड़े थे गाँधी। गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक गाँव…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
दो अक्टूबर जन्म है, दो पुरुषों के नाम। गाँधी प्यारा एक है, दूजा लाल ललाम।। गाँधी जी का जन्म है, प्रांत नाम गुजरात। भाव एकता सूत्र का, दिया नवल…
देश के सच्चे सपूत- अमरनाथ त्रिवेदी
देश में एक ऐसे लाल हुए, जो देश के कर्णधार बने। अपनी निष्ठा अपनी बुद्धि से, वे यशस्वी सूत्रधार बने ।। ऐसे सपूत लाल बहादुर का, जीवन दुखों में बीता …
बापू जी – भोला प्रसाद शर्मा
वीर बहादुर जन्मा देश में, जीता था वह श्वेत वेश में। सीधा सादा बिताते जीवन, भूला नहीं करते अपनापन। रंग रूप का भेद न उनमें, प्यार वह बाँटा करते जग…