सुनो सुनो सुनो………….. लाया हूं एक सुंदर-सा पैगाम,नवाचार में जिला ने किया नाम,देश में पाया पहला मुकाम,मुकाम पा लहराया परचम,बढ़ाया देश में जिले का मान,छात्रों का बढ़ाया अभिमान,पायी उपलब्धि आसान…
Author: Padya Pankaj
दादा-दादी -राहुल कुमार रंजन
दादा-दादी हैं सबसे न्यारे,घर-आंगन के चमकते तारे। उनसे मिलता स्नेह अनोखा,हर किस्सा होता है रोचक-रोखा। दादी सुनाए कहानी प्यारी,नींद लगे मीठी-मीठी सारी। दादा सिखाते ज्ञान की बातें,जीवन भर जो काम…
बेज़ुबाँ-अदिति भूषण
आज दर्द की महफ़िल में, अश्क़ों ने कुछ ऐसा समाँ बाँधा, डूबा डाला सबको अपने ही रंग में, सपनों के घूँघरु टूटे, शिशे दिल के टुकड़े सरे आम हुए। बेबसी…
विद्या-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
छंद:-मनहरण घनाक्षरी ‘रवि’ सारे छोड़ काम, थोड़ी देर राम – राम, खाट छोड़ उठ जाएं, सूरज से पहले। शक्कर की चाशनी में, वाणी को लपेट कर, कई बार सोचें हम,…
तस्वीर-जयकृष्णा पासवान
🌹🌹 तस्वीर 🌹🌹 फटी हुई दिवारों पर , एक लकीर बनाई है। कोरे कागज़ पर किस्मत की , एक तस्वीर सजाई है।। सुख-दुख के गहनों से , सजी है जिंदगी।…
प्रेम-अमरनाथ त्रिवेदी
प्रेम प्रेम से बड़े न दूजो आन । प्रेम से बड़े न दूजो आन ।। प्रेम जहाँ फलता – फूलता है , मिलता विजय , श्री, सम्मान । प्रेम बिना…
अलख जगाएँ-मीरा सिंह
अलख जगाएँ सोच समझकर कदम बढ़ाएँ इस दुनिया में नाम कमाएँ। जीवन धन अनमोल मिला है इस जीवन का मान बढ़ाएँ। मिल जाए गर विपदा कोई तनिक नहीं उससे घबराएँ।…
शीत-एस.के.पूनम
छंद:-मनहरण घनाक्षरी “शीत” सघन है काली रात,रौशनी है थोड़ी-थोड़ी, बंद हुआ घर-द्वार,जाड़े का आलम है। सूर्य ढ़का तुहिन से,घूप थोड़ा निकाला है, आलस्य डेरा डाला है,सर्दी का पैगाम है। चहल-पहल…
एक संदेश-अवनीश कुमार
है इतिहास साक्ष्य बनकर कह रहा जब जब अत्याचारियों का सितम बरस रहा जब जब मनुज स्वन्त्रता का अर्थ न समझ रहा जब जब मनुज पर परतंत्रता का संकट गहरा…
स्वाभिमान-जय कृष्णा पासवान
बागों की सुंदरता है, फूल और कलियां । “माली तो उसकी जान है” भंवरे मचल-कर गीत सुनाते, यही तो उसकी पहचान है।। यही तो स्वाभिमान है…….।। काली घटा मंडराती है…