सुख सुविधाओं के चक्कर में- सरसी छंद गीत अपने हाथों से जीवन में, घोल रहा विष जान। सुख सुविधाओं के चक्कर में, आज पड़ा इंसान।। श्रम से बचता फिरता मानव,…
Author: Ram Kishor Pathak
खुशी-खुशी हम पढ़ने जाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
खुशी खुशी हम पढ़ने जाएँ खुशी खुशी हम पढ़ने जाएँ, ध्यान से हम सब ज्ञान भी पाएँ। टोली बनाकर स्कूल को जाएँ, पढ़ने में मन खूब लगाएँ । शिक्षक की…
सच हो जाएँ सारे सपने – राम किशोर पाठक
सच हो जाएँ सारे सपने मुस्कान सजाकर होंठों पर, हरपल को जीना हम सीखें। आओं अपने कर्मों से अब, हम-सब अपनी किस्मत लिखें।। कुछ सीख पुरानी भी लेना है, कुछ…
आओ बच्चों खेलें खेल – अमरनाथ त्रिवेदी
आओ बच्चों खेलें खेल आओ बच्चों खेलें खेल , सब बच्चों से कर लें मेल । खेलकूद हमेशा संयम से खेलें , कभी न इसमें करें झमेले ।…
आऍं गुरु से तिलक लगा लें- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान ‘
आऍं गुरु से तिलक लगा लें आऍं गुरु से तिलक लगा लें, काली छाया दूर भगा लें, बीत गई गर्मी की छुट्टी,पाबस आया खास महीना। ऐसा प्रेमिल भाव कहीं ना।।…
अपना हमें समर्पण दे दो- राम किशोर पाठक
अपना हमें समर्पण दे दो – बाल कविता कूद कूदकर आते बच्चे। कुछ सहमें इठलाते बच्चे।। कहना चाह रहे कुछ बच्चे। हो गए मौन फिर क्यों बच्चे।। आशाओं के दीप…
प्रभु हम तुम्हें भुला न पाएँ – अमरनाथ त्रिवेदी
प्रभु हम तुम्हें भुला न पाएँ सारी उमरिया जीवन की , प्रभुजी यूँ ही बीत न जाए , कण कण में प्रभु आप बिराजें , प्रभु हम तुम्हें भुला न …
गुरुवर वाले प्रेम से – अवतार छंद गीतिका- राम किशोर पाठक
गुरुवर वाले प्रेम से – अवतार छंद गीतिका झूम रहे सब संग में, कुछ आज कीजिए। गुरुवर वाले प्रेम से, भर हृदय लीजिए।। बच्चों का भी मन लगे, आ सके…
हे रामभक्त अंजनी नंदन- अमरनाथ त्रिवेदी
हे रामभक्त अंजनी नंदन हे रामभक्त अंजनी नंदन । हे अमित बल के तू निधान । तुम्हीं तो दुखहर्त्ता हो । तुम्हीं तो पालनकर्त्ता हो ।। तुम सब पापों…
घट-घट वासी शिव संन्यासी – सरसी छंद गीत – राम किशोर पाठक
घट-घट वासी शिव संन्यासी – सरसी छंद गीत बैठे हैं भस्म लगा कैलाशी, करते बेड़ा पार। घट-घट वासी शिव संन्यासी, महिमा अपरम्पार।। महाकाल शंकर विश्वंभर, हर लेते हैं शोक। शरणागत…